Saturday 16 February 2013

ज़रूरी तो नहीं


हम हैं जुदा , बहुत फासले हैं दरमियाँ ,

पर हो तुमसे मुलाक़ात , ज़रूरी तो नहीं ......

बहुत एहसास उठते है दिल में लेकिन ,

तुम्हारे भी हों वही जज़्बात , ज़रूरी तो नहीं .....

मेरी बातों से तेरी ही खुशबू आती है ,

तुम्हे हो मुझसे इत्तेफ़ाक , ज़रूरी तो नहीं .....

निगाहों में हम तुमको ख़ुदा बनाये बैठे हैं ,

तेरे लिए हो मेरी वही ज़ात , ज़रूरी तो नहीं ....

तुम परिंदे हो फलक के , है उड़ने की आदत ,

मेरे पंखों को मिले आकाश , ज़रूरी तो नहीं .......

हारे हैं हम बाज़ी जां की तुझपे लगा कर ,

पर दे दें तुझे मात , ज़रूरी तो नहीं .....

दिल है , आ गया किसी पे उसकी मर्ज़ी ,

अब चल भी दे कोई साथ , ज़रूरी तो नहीं .......

जहां भर से सुनते रहे हम उनके फ़लसफ़े ,

सबसे मिलते हों ख़यालात , ज़रूरी तो नहीं .....

दिल में अपने कई अरमान सजा रखे हैं ,

पूरी हो जाये हर एक बात , ज़रूरी तो नहीं .....

नींद आ जाती है हमको पर बमुश्किल ,

ख़्वाबों की मिल जाये सौगात , ज़रूरी तो नहीं ......

तेरे दिल में हो वही बात , ज़रूरी तो नहीं ....

तुझे हो मुझसे इत्तेफ़ाक , ज़रूरी तो नहीं .......

"शैली"

10 comments:

  1. मुझे ऐसा लगता है कि इसमें कुछ नयी पंक्तियाँ जोड़ी गयीं हैं , अच्छी लग रही है लेकिन फिर भी कुछ पंक्तियाँ शायद विषय से थोड़ी अलग सी लग रही हैं |
    .
    "मेरे पंखों को मिले आकाश , ज़रूरी तो नहीं ......."
    :)
    हरगिज जरूरी नहीं |
    लेकिन मेरी दुआ है कि आपको अपने हिस्से का आकाश भरपूर मिले |

    सादर

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  2. Mana Ki Ummeed Bahut Karta Hun,
    Har Ummeed Puri Ho Jaaye Jaruri To Nahi,
    Har Dum Sochta Zindagi Baharon Si,
    Zindagi Ye Waisee Hi Bahar Ban Jaaye
    Jaruri To Nahi,
    Dil Me Armaan Kayi Zindadili Se Jeene Ka,
    Magar Kabhi Mujhe Dukh Na Sataye Jaruri
    To Nahi,
    Chahtaa To Mai Bhi Bahut Hun Kisi Ko,
    Magar Dil Ki Baat Juban Tak Laun
    Jaruri To Nahi,
    Han Zaruri Hai Ummeed Rakhna ....,
    Zindagi Bahaar Si Banaye Rakhna,
    Zindadili Se Jeena ,
    Tut Na Jaaye Kabhi Meri Wajah Se Kisi Se Rishta,
    Isliye Jaruri Hai Khamosh Rahnaa :) :)

    Superb Lines Di Hamesha Ki Tarah :)

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    1. बहुत शुक्रिया मेरे भाई . और तुम्हारी कविता भी बहुत सुन्दर है :)

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  3. सच सबकुछ अपने मुताबिक सोचा हो जरुरी नहीं होता ..
    बहुत बढ़िया रचना

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    1. शुक्रिया कविता जी :)

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  4. बहुत सुंदर रचना ............
    मेरा साथ निभाता चले ज़रुरी तो नहीं
    तू भी मुझे टूट के चाहे ज़रुरी तो नहीं

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    1. शिखा दी , हमेशा मेरी प्रेरणा स्रोत रहने के लिए और असीम स्नेह के लिए आपका बहुत धन्यवाद

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  5. भावपूर्ण लेखनी ........................ बहुत बहुत आभार !
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    पुन: स्मरण करा रहा हूँ , की ब्लाग एक और खुला मंच है , ताला लगाईये
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    मैं बहुत खुश हूँ की ब्लाग में साझा कर रही हो आप सारी रचनायें .. इस तरह से ही एक एक रचना को देखियेगा एक नही हजार से लाखों लोग पढेंगे ।
    जरुरी नही !
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    कह कर निकल गया एक वाह !
    तो मेरा होने ना होने के बराबर है
    तुम सुनो , मर्जी तुम्हारी
    मानो ना मानो .. जरुरी तो नही !
    ----------------------------- ऐसे ही लिखती रहो ... लिखती रहो !
    बहुत बहुत सारा आशीष और स्नेह !
    सादर
    अनुराग "एहसास "

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    1. दादा, आपके इतने सारे स्नेह और आशीर्वादों का फल हैं मेरी कवितायेँ।हमेशा यूँ ही आशीर्वाद का हाथ सर पर रखे रहिएगा।

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